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Showing posts from December, 2022

मेरे सपनों का 'भारत'

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  (फोटो: गूगल) अपने देश को बड़ा और लोकतांत्रिक रूप से सफल बनाने का सपना हर किसी का होता है। एक ऐसा देश जहां सभी क्षेत्रों में समानता हो और सभी लिंगों के लिए प्रगति हो। औरों की तरह मेरा भी एक सपना है, एक सपना, मेरे भारत के लिए। मेरे सपनों का भारत शांति और सद्भाव से भरा स्थान होगा, एक ऐसा स्थान जहां लोग करुणा, खुशी और उत्साह से भरे होंगे। मैं एक ऐसा भारत देखती हूं जहां प्रत्येक व्यक्ति के पास एक मजबूत मूल्य प्रणाली होगी, जहां सभी मनुष्य समान होंगे। मैं भारत को एक ऐसे देश के रूप में देखने का सपना देखती हूं जहां हर किसी की शिक्षा तक पहुंच हो। ऐसे बच्चे हैं जो गरीब पृष्ठभूमि से संबंध रखते हैं और वित्तीय अस्थिरता के कारण उचित/गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का खर्च नहीं उठा सकते हैं। ऐसे बच्चों के लिए शिक्षा निःशुल्क प्रदान की जानी चाहिए। इसके अलावा, लिंग की परवाह किए बिना शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए। मेरे सपनों के भारत में ऐसी महिलाएं शामिल हैं, जिनका हर जगह सम्मान हो। जिन महिलाओं के पास पुरुषों के बराबर शक्ति और अधिकार हो। मैं चाहती हूं कि भारत एक ऐसी जगह बने जहां महिलाएं खुद फैसले ले सकें और किस...

निबंध: महिला सशक्तिकरण

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  सिनेमाघरों से बाहर आने वाले लोग अक्सर फिल्म के अभिनय कौशल और अद्भुत कलाकारों की सराहना करते देखे जाते हैं। क्या आपने कभी किसी को कॉस्ट्यूम डिज़ाइनर, संपादक, पटकथा लेखक, या कैमरे के पीछे कलाकारों से अधिक काम करने वाले किसी व्यक्ति की सराहना करते देखा है? ऐसा ही हर दिन महिलाएं महसूस करती हैं। घर और बच्चों की देखभाल करने के बाद और यहां तक कि दैनिक कामों को भी संभालने के बाद। हमारे समाज में उनकी पर्याप्त सराहना नहीं की जाती है। हम ऐसी दुनिया में विकास की उम्मीद कैसे कर सकते हैं जहां महिलाओं को निर्णय लेने में शामिल नहीं किया जाता है या समानता नहीं दी जाती है?  हमारे समाज में पुरुषों और महिलाओं के लिए बोलने और विचार व्यक्त करने की स्वतंत्रता अलग-अलग है। एक पुरुष अपने मन की बात कह सकता है, और जीवन में अपने फैसले खुद कर सकता है जबकि एक महिला की अपनी कल्पना पर भी एक सीमा होती है। महिलाओं को जीवन में उच्च कल्पना या लक्ष्य रखने की भी अनुमति नहीं है क्योंकि उनकी भूमिका केवल खाना पकाने, साफ-सफाई और परिवार की देखभाल तक ही सीमित है। ऐसी दुनिया में जहां समाज में महिला का वर्चस्व है, महिलाओ...

श्री कृष्ण भूमि - मथुरा/वृन्दावन

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परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्‌।  धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥ भावार्थ : साधु पुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की अच्छी तरह से स्थापना करने के लिए मैं युग-युग में प्रकट हुआ करता हूँ. मेरे अनुसार कृष्ण या कृष्णत्व का अर्थ है - असीम शांति और प्रेम. वैसे तो कृष्ण कण-कण में निवास करते हैं लेकिन मथुरा व वृन्दावन को कन्हैया की नगरी के नाम से जाना जाता है. मेरे इस ब्लॉग में आप मथुरा व यहाँ जन्मे श्री बांके-बिहारी जी के बारे में और करीब से जानेंगे.  कन्हैया,श्याम,गोपाल,केशव,द्वारकाधीश, वासुदेव, गोविन्द, माधव व कान्हा जैसी नामों से प्रख्यात 'कृष्ण' एक निष्काम कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक, स्थितिप्रग्य एवं दैवी संपदाओं से सुसज्जित महान पुरुष थे. श्री कृष्ण, हिन्दू धर्म के मान्यताओं के अनुसार विष्णु के ८वें अवतार माने गये हैं. कृष्ण का जन्म मथुरा नगरी में हुआ था, यह बात विश्व प्रख्यात है परन्तु मथुरा-वृन्दावन के कण-कण में कृष्ण निवास करते हैं यह केवल उन्हीं लोगों को महसूस हो सकता है, जिन्होंने वहाँ रहकर उस पल को महसूस किया हो...