श्री कृष्ण भूमि - मथुरा/वृन्दावन


परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्‌। 

धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे ॥

भावार्थ : साधु पुरुषों का उद्धार करने के लिए, पाप कर्म करने वालों का विनाश करने के लिए और धर्म की अच्छी तरह से स्थापना करने के लिए मैं युग-युग में प्रकट हुआ करता हूँ.


मेरे अनुसार कृष्ण या कृष्णत्व का अर्थ है - असीम शांति और प्रेम. वैसे तो कृष्ण कण-कण में निवास करते हैं लेकिन मथुरा व वृन्दावन को कन्हैया की नगरी के नाम से जाना जाता है. मेरे इस ब्लॉग में आप मथुरा व यहाँ जन्मे श्री बांके-बिहारी जी के बारे में और करीब से जानेंगे. 

कन्हैया,श्याम,गोपाल,केशव,द्वारकाधीश, वासुदेव, गोविन्द, माधव व कान्हा जैसी नामों से प्रख्यात 'कृष्ण' एक निष्काम कर्मयोगी, आदर्श दार्शनिक, स्थितिप्रग्य एवं दैवी संपदाओं से सुसज्जित महान पुरुष थे. श्री कृष्ण, हिन्दू धर्म के मान्यताओं के अनुसार विष्णु के ८वें अवतार माने गये हैं. कृष्ण का जन्म मथुरा नगरी में हुआ था, यह बात विश्व प्रख्यात है परन्तु मथुरा-वृन्दावन के कण-कण में कृष्ण निवास करते हैं यह केवल उन्हीं लोगों को महसूस हो सकता है, जिन्होंने वहाँ रहकर उस पल को महसूस किया हो. 

यूँ तो, मथुरा दिल्ली के बेहद पास ही है लेकिन जब आपके मन में वहाँ पहुचने की शीघ्र और प्रबल इच्छा हो तब समय मानो कछुए की चाल सा प्रतीत होता है. मेरे मथुरा जाने का प्लान अचानक बना था और दिल्ली से सुबह की ट्रेन पकड़ कर हम २ घंटे में मथुरा पहुँच गये थे. 

मथुरा और वृन्दावन, जिसे ब्रज भूमि के रूप में जाना जाता है, जुड़वाँ शहर है जहाँ भगवान कृष्ण ने अपने जीवन के कई साल बिताये थे. इन दोनों पवित्र स्थानों का उल्लेख विभिन्न हिन्दू धार्मिक ग्रंथों में पाया जा सकता है. हर साल इन जुड़वाँ शहरों में हज़ारों भक्त आते हैं, खासकर जन्माष्टमी के दौरान जो भगवान श्री कृष्ण को अपनी श्रद्धा अर्पित करना चाहते हैं. इसीलिए, जन्माष्टमी की पूर्व संध्या पर मैंने इन जुड़वाँ "मंदिरों के शहर" की यात्रा करने का निश्चय किया था, क्योंकि मथुरा और वृन्दावन मुख्य रूप से कई पवित्र मंदिरों से मिलकर बने हैं. मथुरा और वृन्दावन की एक दिन की यात्रा के साथ पर्यटक खुद को उस गौरवशाली समय में ले जा सकते हैं जब भगवान कृष्ण इन शहरों में विचरण करते थे! 

मैंने कन्हैया की नगरी में बांके-बिहारी मंदिर, इस्कॉन टेम्पल, प्रेम मंदिर, श्री राधा-रमण मंदिर व निधि वन जैसे स्थानों को देखा व वहां उसे करीब से जाननेकी कोशिश की. जन्माष्टमी के पावन अवसर पर कृष्ण जन्म को साक्षात् उनकी जन्मस्थली पर देखना एक अद्भुत अनुभव है. श्री बांके-बिहारी की वो खुसूरत छटा, प्रेम मंदिर का वो सुंदर व अद्भुत स्वरुप, इस्कॉन टेम्पल की  मनमोहक प्रस्तुति एवं निधिं वन में सुने जाने वाले अनेक किवदंतियां...यह सभी अपने में ही एक अलग व अविस्वश्नीय अनुभव को दर्शाता है. 

वहाँ के कण-कण में कृष्ण व्याप्त हैं. कृष्ण सर्वत्र व सर्वस्व हैं. वह एक आदर्श व्यक्ति के श्रेणी में पुर्णतः उपयुक्त प्रतीत होते हैं. 

"He is biologically born and brought up on this earth!"

कृष्ण के जीवन के महत्व को बड़े खूबसूरती से किसी ने दर्शाया है, कि

'कृष्ण एक आपर बुद्धि, ऊँचे सिद्धांतो से जन्म लेकर धरती पर चलने वाले इंसान हैं.'

गीता का ज्ञान देकर करोडो लोगों को राह दिखाई, उनसे बड़ा गुरु इस जहाँ में कोई नहीं है. रक्षा के लिए समुद्र के बीच में द्वारका नगरी बसाई, उनसे बड़ा वास्तुकार कोई नहीं. आँखों से मन की बात समझने वाला, उनसे बड़ा मनोवैज्ञानिक कौन हो सकता है. बांसुरी बजाकर गाय और गोपियों को बांधने वाला , उनसे बड़ा संगीतकार कोई नहीं. अच्छी सेहत का सन्देश देने वाला, उनसे बड़ा चिकित्सक कोई नहीं है. 'धर्म के लिए युद्ध करो' ये कहने वाला, उनसे बड़ा वीर कोई नहीं. हमे कष्ट न हो ये महसूस कराने वाला, उनसे बड़ा राजा कौन हो सकता है. हवन-यग्य से बारिश बरसाई, उनसे बड़ा प्रकृति को समझने वाला जलवायु विज्ञानी कौन है. अनियंत्रित RPM (सुदर्केशन चक्र २०० RPM की अधिकतम गति से घूमता है, एक ऐसी गति जो ग्रुत्वाकर्षणसे २०० गुना अधिक दबाव डालती है)  साथ चलने वाला सुदर्शन चक्र को नियंत्रित करने वाला, उनसे बड़ा  काइनेटिक इंजिनियर कौन हो सकता है.

उनमे सब है, सिंगर, म्यूजिशियन, पथप्रदर्शक, वारियर, टीचर, फाइटर, प्रेमी और क्या नहीं !!

मेरे लिए कृष्ण मेरे अराध्य, मेरे प्रिय, मेरे पालनहार, मेरे दुःख हर्ता व सुख कर्ता, मेरे मित्र व सब कुछ हैं.  कृष्ण के लिए कहा गया है कि - 

"अनुकूल ज्योति की घडी न मेरी होगी,

मै आऊंगा जब रात अँधेरी होगी ". 

अर्थात कृष्ण का जन्म एक अँधेरे कारागार में हुआ था, परन्तु आज उनकी महिमा से कोई अपरिचित नहीं है. उसी प्रकार मेरा ये मानना है कि कृष्ण हमेशा आपके साथ होते हैं परन्तु जब दुःख रुपी अन्धकार ने आपको चारों ओर से घेरा होता है केवल तब वह प्रकाशमयी स्रोत बनकर तुम्हारे समक्ष प्रकट होते हैं. 

HE IS EVERYTHING!

His aura is eternal, he is more than god to me. I worship his excellence.

अंततः मै ये कहना चाहती हूँ कि आँखे बंद कर, दिल से अगर कोई उन्हें याद करे तो वह हर उस व्यक्ति में मिलेंगे जिससे आप प्रेम करते हैं. कृष्ण हम सबमें विद्यमान है, बस मंथन की आवश्यकता है.   



"वो बस राधे-राधे ही गाएगा, जिसने प्रेम को जाना हो 

भला कैसे वो तनहा हो, हर सांस में जिसके कान्हा हो"


- सौम्या 

Comments

  1. Bahut hee khoob saumyaa❤😍
    Radhey Krishna 💗

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  2. शुक्रिया <3

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