इलेक्ट्रोनिक मीडिया
आज के युग में विज्ञान का प्रभाव जीवन के हर क्षेत्र में दिखाई पड़ता है। सभी ओर वैज्ञानिक साधनों का बोलबाला है। यही तो है वैज्ञानिक चमत्कार कि मनुष्य का मन, आत्मा और शरीर वैज्ञानिक साधनों के बल पर अपना कार्य करने लगा है।
विज्ञान में मानव जीवन को सुखी बनाने के असीम शक्ति विद्यमान है। वर्तमान जीवन में 'इलेक्ट्रॉनिक मीडिया' ने लोगों के जीवन में एक नयी क्रांति ला दी है। टेलिविज़न, रेडियो, इंटरनेट व मीडिया भी जनता की एक समग्र जागरूकता बढ़ाने के लिए उचित है। रोज़मर्रा की जिंदगी के अधिक से अधिक जानकारी आज मीडिया द्वारा संभव है। मीडिया दुनिया भर की जानकारी इकठ्ठा करके हमारे सामान्य ज्ञान को बढ़ाने में हमारी मदद करता है। विभिन्न मीडिया के माध्यम से समाचार प्रसारण हमे दुनिया में दिन - प्रतिदिन की घटनाओं के बारे में बताते हैं।
विश्व अंतरजाल पर घटित होने वाली गतिविधियों ने आधुनिक विश्व समुदाय में एक नवीन सांस्कृतिक चेतना का संचार किया है। जिस प्रकार किसी भी विचारधारा या उपलब्धि के अनेक आयाम होते हैं, उसी प्रकार इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के भी अनेक घनात्मक और ऋणात्मक आयाम होते हैं। इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने सात समुन्दर की दूरियों को पार कर दुनिया को मुट्ठी में कर लेने का स्वप्न साकार सा कर दिया है। क्योंकि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया समय की मांग है और हर किसी को इसकी आवश्यकता है। कहा भी गया है :
" वक़्त को जिसने नहीं समझा उसे मिटना पड़ा है
बच गया तलवार से तो फूल से कटना पड़ा है
क्यों न कितनी भी बड़ी हो , क्यों न कितनी भी कठिन हो
हर नदी के राह से चट्टान को हटना पड़ा है।"
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने हमारे ज्ञान, भाषा और शब्दावली की वृद्धि में योगदान दिया है। क्विज आधारित टीवी और रेडियो शो, डिस्कवरी, बीबीसी और नेशनल जियोग्राफिक जैसे चैनलों पर इतिहास, साहित्य, विज्ञान, दर्शन, कला और संस्कृति पर कई कार्यक्रमों ज्ञान और संस्कृति को बढ़ाने, लोगों के मन और व्यवहार के विकास के लिए योगदान करते हैं।
अनुसंधान मीडिया हमारे दैनिक जीवन का एक बड़ा हिस्सा प्रभावित करने के लिए ज़िम्मेदार है। मीडिया जनता की सांस्कृतिक व सामाजिक मूल्यों में परिवर्तन करने के लिए योगदान करते हैं। यह जीवन शैली और संस्कृति को प्रभावित करती है।
मीडिया ने लोगों को दुनिया के सामने खुद को पेश करने के लिए एक बेहतरीन मंच दिया और बदलते विश्व परिदृश्य में अपने तरीके से योगदान दिया है।
इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का सबसे बड़ा फ़ायदा यह है कि इसने पुरे विश्व को एक ग्राम का रूप दे दिया है। ये क्या किसी वरदान से कम है ?
मेरा मानना यह है कि किसी भी व्यक्ति की सोच और मानसिकता पर निर्भर करता है कि वह किस वस्तु को अपने लिए घातक बनाता है और किसको लाभदायक !
ऐसे ही हैं ये इलेक्ट्रॉनिक मीडिया...हैं तो हमारे लिए वरदान परन्तु हम इसे अभिशाप बना ले तो ये केवल और केवल हमारी नासमझी होगी। अगर हम मीडिया का उपयोग सुचारू रूप से करें तो यह हमारे लिए वरदान सिद्ध होगा।
'इलेक्ट्रॉनिक मीडिया' का उपयोग मनुष्य को व्यवस्थित ढंग से करना चाहिए क्योंकि यह समय की मांग है और सभी को इसके मुताबिक अपने आप को एक सकारत्मक रूप से परिवर्तित करना चाहिए जिससे किसी को केवल लाभ या केवल हानि न हो। यह पंक्ति इस कथन के समर्थन में :
"वार को देखकर आधार बदलना सीखो
वक़्त को देखकर व्यवहार बदलना सीखो
जिंदगी ज्वार है, हठ की तो डूब जाओगे
धार को देखकर पतवार बदलना सीखो।"
- सौम्या

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