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Showing posts from January, 2023

सुकून और भाव का मिश्रण: मनाली

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  "सैर कर दुनिया की ग़ाफ़िल ज़िंदगानी फिर कहाँ ज़िंदगी गर कुछ रही तो ये जवानी फिर कहाँ" - ख़्वाजा मीर दर्द मनाली, पहाड़ी ढलानों के बीच, मंत्रमुग्ध कर देने वाले दृश्यों, आकर्षक जलधाराओं, छोटे छिपे हुए कॉटेज के आसपास परियों की कहानी जैसा कोहरा, और चीड़ और ताजगी की एक लंबी सुगंध के साथ पहाड़ प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है। कुछ समय की तलाश में एक परिवार, कुछ शांति के लिए जोड़े, कुछ एकांत के लिए अकेले यात्री या रोमांच की तलाश में दोस्तों का समूह। मनाली हर तरह की यात्रा मानसिकता की जरूरतों को पूरा करता है। मेरी यात्रा दिल्ली के कश्मीरी गेट से वॉल्वो एसी स्लीपर से शुरू हुई। और मैं कुल्लू की लंबी यात्रा और संकरी सड़कों को तय करके सुबह 6 बजे मनाली पहुंच गयी लेकिन साथ ही हरे-भरे पहाड़ों और झरनों की प्राकृतिक सुंदरता का आनंद भी लिया। मेरा होटल वोल्वो बस स्टैंड के बहुत करीब था और चेक इन करने के बाद मैंने कुछ देर के लिए तरोताजा होकर आराम किया। स्वादिष्ट नाश्ते के बाद सुबह, मैंने सोलंग घाटी का दौरा किया, जो हरे-भरे पहाड़ों के अच्छे दृश्य प्रस्तुत करता है, और आप यहाँ सर्दियों में ग्लेशियर और ब...

कविता : इश्क़ है!

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 फोटो : मेरे द्वारा बनाई गयी है  भरी महफ़िल में एकाएक यह सवाल उठा  कि ज़रा कोई बताएगा, इश्क़ क्या है ?  मैंने भी हामी भरी और शुरू किया कि जनाब ज़रा गौर से सुनियेगा  जब आपकी झुकी नज़रें लाज़ से उठी ना हो और मेरी पूरी उमर थम सी गई हो, हाँ, मेरी पूरी उम्र थम सी गई हो। ये इश्क़ है। वो कहना भी ना चाहे  और मेरा दिल समझ जाए  दूरियाँ जब तरपायें  और मिलने की तारीख नज़र ना आए  हां, ये भी एक इश्क़ है। बातें ना हो पर आंखे सारा हाल बताएं  जिसका अंजाम न मैं जानूं  न वो वाकिफ़ हो  और जताने का हक सिर्फ मुझे हो  जी हां...यही इश्क़ है । जब घंटों की मुलाक़ात पल भर की लगे और पल भर में मानो पूरी उम्र निकल जाए, यही इश्क़ है। उसके जाने बिना उसे चाहना , इश्क़ है  उसकी बातों में  अपना ज़िक्र ढूंढना , इश्क़ है  उसकी उलझनों को   खुद से सुलझाना , इश्क़ है। जब बिन मांगे हमें खुदाई मिल जाए ऐसा हमारा इश्क़ है। तुम्हारी एक झलक से हम अपने आप में पूर्ण हो जाएँ, पास ना हो तुम फिर भी हम इतरायें, ये भी एक इश्क़ है। गगन के आज़ाद पंछी को सागर की गहराई ब...