अनुभूति
जब जीवन आप पर बुरे वक़्त के रूप में आप पर कठिन प्रहार करता है, तो वह आपको पूर्णतः बदल देता है। उस एक घटना मात्र से ही आपमें अनेक बदलाव आने लगते हैं। उसके बाद आप एक अलग व्यक्ति बन जाते हैं।
और मैं एक उदास, नकारात्मक आत्मा बन गई। मैंने खुद को आश्वस्त किया कि मैं फिर से कभी खुश नहीं रह सकती। ऐसा भी नहीं है कि मैंने इससे लड़ने की कोशिश नहीं की। मैंने वह सब कुछ आजमाया जो लोग आपको सुझाते हैं।
मैंने अनेक प्रेरणादायक फिल्में देखीं। मैंने खूब खुशनुमा गाने सुने। मैंने कई सेल्फ हेल्प बुक को पढ़ना शुरू कर दिया। मैंने प्रेरक वीडियो देखने शुरू किये। मैंने नए दोस्त बनाये। मैं अपने आप को व्यस्त रखने लगी। इन सभी के अलावा मैंने एक यात्रा भी की। लेकिन मुझेमें कुछ भी ठीक नहीं हुआ। और इस कारण मेरा दिल और बुरी तरह टूट गया। मैं इतना असहाय, इतना हताश और इतना प्रयासरत महसूस कर रही थी कि मैंने फिर से खुश रहने के इस मिशन को छोड़ने का फैसला कर लिया।
तब, मैंने अपने दुख को अपनी नियति मान लिया। मैंने इसे अपने ऊपर किसी का श्राप समझकर अपना लिया। हालांकि मैं कभी यह नहीं जान पायी कि मैंने इसके लायक होने के लिए क्या गलत किया है!
लेकिन समय सब कुछ बदल देता है। कहते हैं ना कि समय सबसे बलवान है और यह सभी कष्टों को मिटा देता है। धीरे-धीरे मुझमें भी उमड़ रहा गुस्सा शांत हो गया, मेरी निराशा दूर हो गई और मेरी रातें शांत और सुकून भरी हो गईं। मैंने फिर से जीवन में छोटी-छोटी चीजों का आनंद लेना शुरू कर दिया।
मैंने मुस्कुराना सीख लिया...फ़िर से। मैं लोगों के साथ मुस्कुराने लगी, उनके मीम्स पर हसने लगी, अजनबियों को देखकर भी मुस्कुराती और सामने से आ रही हर एक मुस्कुराहट को खुले दिल से अपनाने लगी। और यह बस हो गया...अपने आप।
ऐसा नहीं है कि इसके बाद मैं पृथ्वी पर सबसे भाग्यशाली व्यक्ति बन गयी। लेकिन ये छोटी-छोटी चीजें जिससे मैं इतने लम्बे समय तक वंचित थी, वो मेरे पास एक मुस्कुराहट के साथ वापस आ गईं। मुझे फिर से जीवित होने सा महसूस होने लगा।
मुझे एहसास हुआ कि जिंदगी आपको और सभी को एक और मौका जरूर देती है। आपकी वो आत्मा जिसमें अत्यंत पीड़ा भरी हुई है, वह भी ठीक हो जाती है। आपके टूटे हुए दिल में दोबारा दर्द नहीं होता है। आप अपनी मुस्कान वापस पा लेते हैं।
बात बस इतनी है कि जब हम दुखी होते हैं तो आस-पास सबकुछ केवल दुख और पीड़ा जैसा ही नज़र आता है और उसमें हम उस आशा को खो देते हैं। हमारा मन केवल नकारात्मकता और निराशा जैसे अन्धकार में फंस जाता है।
वैसे तो मैं आपसे सहमत हूँ अगर आप सोच रहे हैं कि "यह कहना आसान है, लेकिन ऐसा नहीं होता है। मुझे देखो। मैं इस नरक से, दुख से, पीड़ा से या अन्य कई परेशानियों से महीनों, या वर्षों तक बाहर नहीं निकल सकता/सकती हूँ।"
मैं बिल्कुल सहमत हूं। यह अत्यंत कठिन रास्ता मालूम पड़ता है। लेकिन यह असंभव नहीं है। और किसी भी कठिनाई व पीड़ा का शोक मनाने और उसे वापस पहले जैसा ठीक करने के लिए हर कोई अपना अलग समय लेता है।
लेकिन, समय हर आत्मा के सबसे खराब घावों को भी भर देती है। इसका सबसे आसान तरीका है, दर्द को स्वीकार करना और चलते रहना है। एक दिन तुम्हारी अशांत मन और आत्मा को शांति मिलेगी। एक दिन आपका टूटा हुआ दिल उम्मीद से धड़केगा। एक दिन तुम्हारी मरी हुई मुस्कान फिर से तुम्हारे होठों को चूम लेगी। तब तक अपनी आशा को मत खोना।
“स्वयं विचार कीजिये कि जब आपके साथ कहीं से भी बुरा/दुखद हो सकता है, तो चमत्कार आपको अपने निम्नतम स्तर पर क्यों नहीं ढूंढ सकता?”
आप खुशी के पात्र हैं। बल्कि हर मनुष्य ख़ुशी का पात्र है।
- From Saumya Panday's 3 AM Session diaries

Satya hai.
ReplyDeleteSamay hin saare ghaw bharta hai.
Swami Vivekananda se maine jo sikha wo mai aap sab ko samjhata hoon.
Jeewan me kashta ko mitane ka sabse asardar upay hai PAROPKAR.
Jub bhi aapko atyant pida ho. Lage ki ab man baith gya. To us samay apni pida ko bhul sacche hriday se jitne bhi log aas paas hon un sab ko ashirwad dijiyega. Man se ashirwad dijiyega ki inka bhala ho jaye. Ye ladki ko bahut prem karne wala ladka mil jaye. Bade Bhai ki naukri ho jaye. Sab ka kalyan ho. Sukh ki sab par varsha ho. Aur dusre ka aacha sichte sochte ap kab apne dukh se bahar nikal jayenge pata nhi chalega. Jo dusron ki madad karne ke liye kuch karne lag jayenge wo to janm janmantar ke liye sukh ki chabhi khoj lenge.
Swamiji hume isi shlok ka artha samjha rahe the.
ॐ सर्वे भवन्तु सुखिनः ।
सर्वे सन्तु निरामयाः ।
सर्वे भद्राणि पश्यन्तु ।
मा कश्चित् दुःख भाग्भवेत् ॥
ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः॥
Made my Day Bhaiya, Thank You from everyone's side...:))
DeleteThank you so much saumya. tumne ye likhr kr post kiya. Shyd mai jb bhi kamzor padungi tumhari ye likhi hui post ko pdh kr storng ban jau sabar karu khud ko thik kar sakungi bht mushkil zarur hai par na mumkin bhi nhi h bas upper vala itna sabar dede ki kuch ho na jaye mujhe.
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